कहानी - अनोखा पितृऋण दयानिधि शहर के नामी कॉलेज में साइंस के प्रोफेसर थे .उम्र पचास के आस पास रही होगी .उन्हें एक बार दिल का दौरा भी पड़ चुका था .प्रोफेसर साहब ने अपने घर से सटे एक कमरे और गुसलखाने का आउट हाउस बना रखा था जिसमें उनके ही गॉंव की एक गरीब ईसाई विधवा औरत अपनी बेटी एलीना के साथ रहती थी .यूँ तो प्रोफेसर स्वयं उच्च जाति के थे पर वे काफी उदार और आधुनिक विचारों वाले व्यक्ति थे . दोनों माँ बेटी मिल कर उनके घर का काम कर