महादान

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महादानडॉ. धर्मेंद्र कुमार जी की आकस्मिक मौत की खबर जंगल के आग की तरह नगर तो क्या, पूरे देश में फैल गई। सब तरफ शोक की लहर छा गई। आसपास के लोग श्रद्धांजलि देने उनके आश्रम की ओर उमड़ पड़े। सोसल और प्रिंट मीडिया के साथ-साथ प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय न्यूज चैनलों में लोग भावभीनी श्रद्धांजलि देने लगे। आश्रम में रहने वाले लोग स्तब्ध थे। रात के दस बजे तक सबके साथ सामान्य रूप से हँस-बतिया कर सोने गए आश्रम के संचालक धर्मेंद्र जी सुबह चार बजे अचानक से कराहने लगे। आवाज सुनकर साथ में सो रहे उनके दोनों रूम पार्टनर