साथिया - 15

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समय धीरे-धीरे बढ़ रहा था। उधर सार्थक नियति को ढूंढने की कोशिश कर रहा था और नियति जानकर उसे अवॉइड कर रही थी इसलिए उसकी पूरी कोशिश होती है कि वह सार्थक के सामने ना पड़े। वैसे भी उन दोनों के सब्जेक्ट अलग-अलग थे तो इतने बड़े कॉलेज बिल्डिंग में क्लासेस में अलग-अलग लगती थी। उसके बाद नियति ने फुटबॉल ग्राउंड में आना भी छोड़ दिया क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि दोबारा सार्थक से सामना हो और उसके दिल का हाल सार्थक को समझ में आए। शिखा उसकी हालत समझ रही थी बावजूद इसके शिखा ने भी उसे नहीं