शालू साँझ के हॉस्टल से निकली और अपनी स्कूटी लेकर घर की तरफ चल दी। थोड़ी ही दूर चली थी कि स्कूटी बंद कर हो गई। शालू ने स्कूटी साइड में खड़ी की और चेक करने लगी। पर देखा स्कूटर स्टार्ट नही हुई साथ है वो पंचर भी थी। ". ओह्ह गॉड इसे भी अभी खराब होना था और पंचर भी है...। अब यहां से कहां जाऊं कैसे जाऊं? इधर तो कोई मैकेनिक भी नही है और न कोई ऑटो ही मिल रहा है।" शालू खुद से ही बोले जा रही थी कि तभी उसके पास आकर एक बाइक रुकी।शालू