कोई क्यों लिखता है ? अगर वह नहीं लिखता तो क्या हो जाता ? या कि , लिखना उसका व्यसन है ,शौक है ,अनिवार्यता है , प्रतिबद्धता है ,उसकी उँगलियों , उसके विचार या भावनाओं की खुजली है ? ये या इन जैसे तमाम यक्ष प्रश्न आपके , हम सबके मन में उठ सकते हैं | इनके उत्तर भी अलग - अलग हो सकते हैं | जैसे कोई क्यों लिखता है , मैं क्या जानूँ , यह तो वह जाने कि वह क्यों लिखता है | हाँ , एक बात तो तय है कि अगर वह नहीं लिखता तो प्रत्याशित