मछरगन्धा...

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"क्या हुआ पुरोहित जी! ऐसे उदास क्यों बैठें हैं"? राममूरत ने बूढ़े पुरोहित जी से पूछा.... "बहुत बुरा हुआ बेटा उसके साथ,ऐसा नहीं होना चाहिए था,उसके कर्मों की इतनी बुरी सजा उसे नहीं मिलनी चाहिए थी",पुरोहित जी बोले.... "किसके साथ क्या हो गया,किसे ऐसी सजा नहीं मिलनी चाहिए थी,मैं कुछ समझा नहीं,जरा खुलकर बताऐगें कि क्या हुआ है",राममूरत ने पूछा.... "वो मेरा मित्र था,हम दोनों गुरुकुल में साथ में पढ़ा करते थे,कल शाम मुझे खबर मिली कि वो नहीं रहा",पुरोहित जी बोले.... "तो क्या वो बीमार थे या उनकी उम्र हो चुकी थी",राममूरत ने पूछा.... "ना वो बीमार था और