बंद फाइल

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बंद फाइल एक तो बला की उमस, उस पर बिजली महारानी उनुपस्थित, कब तक हाजिर होगी कोई भी नहीं जानता है और उस पर धुल-धक्कड़ भरी फाइलों की साफ-सफाई। अनमने ढंग सेे फाइल पर गंदा कपड़ा पटकते हुए मोहन भीतर ही भीतर विकास पदाधिकारी बाबू पर गुस्साया, ये क्या सुझी पदाधिकारी बाबू को जो आज ही साफ-सफायी का काम दे दिया।कैबिन के अंदर से आवाज आई ’’ साफ-सफायी जल्दी करो और भी दुसरा काम करना है।ं ’’’’ जी सर, तुरंत किए देता हूं। ’’ आवाज लगानेे के बाद मोहन सोच में पड़ गया कि मेरे मन की आवाज कहीं उनके