दहलीज़

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दहलीज़ शहर के मध्य में, पहाड़ों और नदी के बीच बने एक नए मकान में 19 वर्षीय किशोरी "अवन्तिका" किराये पर रहने आई थी। उसी शहर के ही एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय से वह मनोविज्ञान विषय के साथ त्रि-वर्षीय स्नातक कर रही थी। पतझड़ की ऋतु में भी अवन्तिका के मुख-मण्डल की आभा बसंत ऋतु के आगमन की जैसे मिथ्या अनुभूति करा रही थी, जैसे उस युवती का यौवन चरम पर हो। स्थानीयों में उसके सौन्दर्य की प्रशंसा किसी वन में लगी आग से भी तीव्र गति से फैल रही थी। उस युवती को भी जैसे अपने इस सौन्दर्यवान रूप पर