सानिध्या

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अंततया , अंतिम रूप से रेलवे की परीक्षा में चयन के बाद आज देहरादून से दिल्ली जा रहा हूँ  । सारा सामान पैक कर लिया हैं । घर-परिवार स्टेशन तक छोड़कर चला गया हैं । स्टेशन पर पहुँचते ही ट्रेन का आव्हान सुनाई दिया , खेर ट्रेन छूटने से बच गयी । भीड़ काफी अधिक हैं पर पहले से सीट आरक्षित कर लेने के बाद असुविधा की कोई ख़ास बात नही हैं । डिब्बे में फिलहाल कुछ ही लोग हैं जिनसे भी बात करने में मेरी कोई विशेष रूचि नही है । भाग-दौड़ में मनोविनोद की कोई पुस्तक लाना भूल