मैं तो ओढ चुनरिया - 49

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  मैं तो ओढ चुनरिया      49   इस घटना की सूचना हमें मिली तो परिवार के सभी लोग उदास हो गये । फौजी भाई साहब बेहद हँसमुख , जिंदादिल और मिलनसार व्यक्ति थे । सब को अपना बना लेने की कला उन्हें आती थी । जहाँ बैठते महफिल गुलजार हो जाती । हमेशा कोई न कोई बात सुनाते रहते । कई लोकगीत उन्हें याद थे जो वे पूरी शादी में जब तब सुनाते रहे थे । हमेशा हँसते और हँसाते रहते । चाचा की शादी में वे छाये रहे थे । भारत सरकार की नौकरी के चलते उन्हें