गुरु नाम का एक लड़का था उसे खतरों से खेलना बहुत पसंद था। उसके जीवन में अगर मुसीबतें नहीं आती थी तो वो परेशान हो जाता था। बिना कठिनाइयों की जैसे उसकी तो सांसे ही रुक जाती थी।वो खाना, खाना भूल सकता है। पर मुसीबतों से पंगा लेना नहीं। गुरु एक अच्छा और ताकतवर लड़का भी था। वो हर रोज सुबह व्याम करता था। काफी स्वस्थ और हट्टा कट्टा नौजवान था। उसका उम्र मात्र 18 वर्ष था। एक दिन वो अपने गांव से घूमते हुए जा रहा है। तभी उसने एक लड़की को देखा, वह देखता है कि। वो लड़की