वो माया है.... - 75

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(75) कांस्टेबल अरुण सादे कपड़ों में युसुफ ट्रैवेल्स के दफ्तर पर नज़र रखे हुए था। सुमेर सिंह ने उससे कहा था कि हो सकता है कि इस्माइल अपने चाचा से मिलने आए। अगर ऐसा होता है तो वह फौरन थाने में खबर दे। कांस्टेबल अरुण अपनी पैनी नज़र बनाए हुए था चार दिन हो गए थे लेकिन अभी तक इस्माइल अपने चाचा से मिलने नहीं आया था। उसने पुलिस स्टेशन सुमेर सिंह को फोन किया। उनसे कहा कि वह नज़र रखे है पर ना तो इस्माइल आया और ना ही कोई ऐसी गतिविधि हुई है जिससे कोई शक पैदा हो।