Bunch of Stories - 3 - भागता हुआ जीवन

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संदीप अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। बचपन से ही काफी लाड प्यार में पला था। उसके माता-पिता उसकी हर इच्छा पूरी करते थे। बचपन से ही थोड़ा शरारती था। और उसे रफ़्तार से तो बड़ा ही प्रेम था ,चाहे वह जिंदगी की हो या गाड़ी चलाने की । वह हर काम जल्दी बाजी में करता था। जब वह 8 साल का हुआ उसने अपने पिता से बर्थ डे गिफ्ट में साइकिल की डिमांड कर दी। माता-पिता ने भी उसकी ख्वाहिश पूरी कर दी। वह जब भी साइकिल चलाता खूब तेज चलाता जिस चक्कर में खुद भी गिरता और अपने