फादर्स डे - 49

  • 1.5k
  • 543

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 49 बुधवार 09/02/2000 पुलिस विभाग के लंबे अनुभव के कारण सदानंद बेलसरे और बाकी लोगों को यह समझ में आ चुका था कि अमजद निर्दोष है...या फिर वह सबकुछ सहन कर सकता है। किया हुआ कुकर्म छुपा सकने लायक ढीठ होगा वह...लेकिन इसकी संभवना कम ही दिख रही थी...बहुत कम...लेकिन पुलिस कहां हार मानने वाली थी। अमजद शेख को छोड़ देना इतना आसान भी नहीं था। संकेत अपहरण कांड में पहले संदेदास्पद आरोपी को पकड़ा गया था। लोगों और समाचार पत्रों का उत्साह देखते हुए उस उत्साह की हवा निकाल देना ठीक नहीं था। सूर्यकान्त और