फादर्स डे - 29

  • 2k
  • 798

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 29 गुरुवार, 09/12/1999 सूर्यकान्त भांडेपाटील ने महसूस किया कि उसने जिंदगी के खेल में सबकुछ खो दिया है। लोग उसके बारे में, एक पिता के बारे में, जिसके अपने बच्चे का अपहरण हो गया है, ऐसा कैसे बोल सकते हैं? कैसे ऐसा बोल सकते हैं कि उसने फिरौती की रकम नहीं दी है? वे ऐसा कैसे बोल सकते हैं कि उसने पैसों को बिजनेस के नुकसान की भरपाई करने के लिए अपने पास रख लिया ? वे ऐसा कैसे कह सकते हैं कि अपहरण महज एक कहानी थी और उसने अपने बच्चे को गुजरात में किसी