अतीत के पन्ने - भाग 45 (अंतिम भाग)

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पिया और नव्या दूसरे दिन सुबह तैयार होकर निकल पड़े।।शाम तक हवेली भी पहुंच गए।पिया ने कहा वर्षों के बाद यहां आ गई पर आलेख नहीं है कहीं भी।।फिर देखा कि शाम सब कुछ सम्हाल कर रखा था।शाम ने कहा आइए आप लोग पहले नहा लीजिए फिर नाश्ता करने आइएगा।नव्या इधर उधर देखने लगी थी उसे कुछ अजीब सा लग रहा था जैसे वो पहले भी आई थी यहां।नव्या ने कहा अरे वो बैठक में एक आराम कुर्सी हुआ करती थी?पिया भी आश्चर्य से देखी और फिर बोली अरे तुम्हें कैसे पता?नव्या ने कहा पता नहीं मुझे ऐसा लगा।।शाम ने