चमकीला बादल - 14

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(14) अचानक राजेश ने महसूस किया कि उसके निकट कोई और भी मौजूद है। उसने गर्दन मोड़ी और एकदम से चौंक पड़ा। एक लंबे कद का काला जंगली खड़ा था। वह भी राजेश ही के समान हाथी की ओर नहीं गया था। दोनों मौन खड़े आंखें फाड़ फाड़कर एक दूसरे को देखे जा रहे थे और फिर अचानक राजेश को एहसास हुआ कि वह सपना नहीं देख रहा। सब कुछ यथार्थ है। अचानक लंबे जंगली में इंग्लिश में कहा। "मैं इनमें से नहीं हूं।" "मैं भी यही देख रहा हूं।" राजेश ने कहा। "इन में न कोई तुम्हारे सामान दुबला