चमकीला बादल - 4

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(4) "नहीं जानेमन," वह कहने ही वाला था कि जेहन को झटका सा लगा। वह तो गूंगा है। ज़बान जिस पोजिशन में थी उसी में रह गई किन्तु उसने हाथ नचाकर संकेत से यह अवश्य पूछ लिया था कि वह क्या कह रही है। "जन्मजात गूंगे हो?" उसने पूछा। जेम्सन क्या उत्तर देता? बस हवन्नको की तरह मुंह फाड़े उसकी शक्ल देखता रहा। वैसे यह भी सोचता था कि कहीं पहचान तो नहीं लिया गया? "चलो उठो मेरे साथ।" वह फिर बोली। मगर जेम्सन की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। उधर न जाने क्यों दूसरे गूंगो ने कण्ठ फाड़