खुशहाली या दंगा

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तीन दिन से भूखे प्यासे हनुमान के गांव के बाहर बरगद के पेड़ के नीचे बैठे-बैठे माधव बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है।एक सप्ताह बाद माधव और हनुमान की बेटी का विवाह होने वाला था, इसलिए हनुमान की पत्नी दोनों बेटे उनकी पत्नियां माधव को देखने अपने सारे काम छोड़कर भागते हैं।और घर में हनुमान के सामने हनुमान की बेटी माधव की होने वाली पत्नी कांता माधव की सेहत की चिंता करके रोने लगती है। कांता की आंखों में पहली बार उसके पिता हनुमान की वजह से आंसू आए थे, इसलिए हनुमान कांता को रोने से चुप करवा कर