कोने की दुकान

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बस अड्डे के पास वाला बाजार गांव से बहुत दूर था, इसलिए पूरा गांव उमेश की दुकान से मिलावटी घटिया किस्म (क्वालिटी) का खाने पीने का सामान लेने के लिए मजबूर था।गांव के उमेश की दुकान से मिलावटी घटिया सामान खरीद कर खाने के नुकसान के साथ-साथ उमेश की दुकान से गांव वालों को कई सुविधाएं और फायदे भी थे जैसे कि अगर कोई मेहमान देर रात को किसी गांव के व्यक्ति के घर आ जाता था, तो रात को ही गांव का वह व्यक्ति उमेश की बंद दुकान को खुलवाकर सामान खरीद ले लेता था, अगर सामान खरीदने के