चारों तरफ से खूबसूरत पर्वत से और फल फूल की सुंदर वदियो से घिरा हुआ था बलवंत नाविक का खूबसूरत गांव।बलवान गांव कि नदी में अपनी नौका से यात्रियों को नदी के एक किनारे से दूसरी किनारे पर छोड़ता था।उस गांव में लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने का बहाना ढूंढते थे, क्योंकि वह सुंदर गांव आंखों को तो आनंद और संतुष्टि देता ही था इसके साथ उस गांव में रहने वाले शरीर से भी बहुत तंदुरुस्त थे।बलवान का जीने का एक ही मकसद था, अपनी इकलौती बेटी दामिनी को पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी में देखने का इसके लिए वह अपनी