51. बख्तियार ने दाढ़ी पर हाथ फेरा बिहार में तुर्कों की विजय हुई तो अनेक ज्योतिषी पंडित, बंगभूमि की ओर प्रस्थान कर गए। अफगानी नजूमी, रम्माल, और दरवेश भी तुर्कों का विरुद बखानते घूमते । बहुत से सूफी भी इस्लाम के पक्ष में वातावरण बनाने के प्रयत्न में समाज में पैठ बनाते । तुर्क शासक उन्हें प्रश्रय देते, उनसे भेदिए का भी काम लेते। सेन वंश के लक्ष्मण सेन जिनकी अभिरुचि साहित्य में अधिक थी, बंगभूमि में शासन कर रहे थे। किसी समय उन्होंने बिहार के अनेक शासकों को करद बनाते हुए काशी और प्रयाग तक अपना दबदबा बनाया था।