उच्‍च शिक्षा की राह

  • 4.8k
  • 1.7k

मन्‍यसे यदि तच्‍छक्‍यं मय द्रष्‍टुमिति प्रभौ। योगेश्‍वर ततो मे त्‍वं दर्शयात्‍मानमव्‍ययम्।। भावार्थ:- अर्जुन कहते है कि है प्रभु, यदि आप ऐसा मानते है कि मेरे द्वारा आपका वह परम ऐश्‍वर्य रूप देखा जा सकता है, तो आप मुझे अपने उस अविनाशी स्‍वरूप के दर्शन दीजिए।   'अकादमिक बोझ के बजाय प्रतिस्‍पर्धी दबाब छात्रों पर कहीं अधिक भारी पड़ रहा है, जो कई बार आत्‍महत्‍या का कारण भी बन जाता है।'   इस साल की सबसे दुखद खबरें राजस्‍थान के कोटा शहर से आई है जहां कई छात्रों ने आत्‍महत्‍या कर ली है। अकादमिक दबाव के समक्ष चुवा छात्र-छात्राओं का इस