वजूद - 23

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भाग 23 तकरीबन 1 महीने में वो पूरी तरह से ठीक हो सकता था ऐसा डॉक्टर का कहना था। इंस्पेक्टर ने उसे हॉस्पिटल में ही रहने दिया ताकि उसका पूरा और अच्छी तरह से इलाज हो सके। एक दिन रास्ते में प्रधान गोविंद राम और इंस्पेक्टर अविनाश रास्ते मिले। इंस्पेक्टर साहब नमस्ते। गोविंदराम ने कहा। नमस्कार प्रधान जी। कैसे हैं ? बस हम तो ठीक है। आप बताइए शंकर का कुछ पता चला ? जी, हां मिल गया है करीब एक महीना हो गया है। गांव के बाहर जो मंदिर है वहीं था। बहुत बीमार था। फिलहाल हॉस्पिटल में उसका