शाकुनपाॅंखी - 8 - सत्ता सुख

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12 सत्ता सुख कन्हदेव की उपलब्धियाँ उन्हें लोक में प्रतिष्ठित कर रही थीं। जिधर भी जाइए, उन्हीं की चर्चा । न जाने कितनी किंवदन्तियाँ उनके साथ जुड़ गई थीं। उनके सामने कोई अपनी मूँछ को हाथ नहीं लगा सकता था। बड़े बड़े योद्धाओं की उनके सामने घिग्घी बँध जाती । बालुकाराय के बध ने उनकी ख्याति में चार चाँद लगा दिए थे । व्यक्ति का तेज उसके आगे आगे चलता है। कन्हदेव के साथ भी यही घटित हो रहा था। उनके सामने जो भी पड़ता, माथ नवा लेता । यदि कोई माथ नवाने में चूक जाता तो उसे कन्हदेव का