हिंदुओं के देव-समूह में हनुमान सर्वप्रिय हैं। वे वास्तव में हैं तो पशु, किंतु मनुष्यों की तरह आचरण करते हैं। वे भगवान विष्णु के सातवें अवतार, सूर्यवंशी तथा अपने उत्कृष्ट इष्टदेव श्री राम के प्रति निस्वार्थ परम भक्ति के प्रतीक हैं। हनुमान में सारी शक्ति राम नाम के मूलमंत्र के निरंतर जप से आई जो कि कलियुग के लोगों के लिये महामंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि यदि इस मंत्र का भक्ति भाव से जप किया जाए तो यह नाशहीन जीवन-चक्र से मुक्ति प्रदान करता है। राम के प्रत्येक मंदिर में, राम के चरणों में नतमस्तक मुद्रा में हनुमान