गुलदस्ता - 2

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                           8 तुफानों के लपेट में आकर बिखरते बिखराते दौडते जाए सपन सलोनी परी देश में बादल संग उडते जाए मिठी गुलाबी पंखुडियों जैसी आसमान की सैर रंगीन नजर आती है कही दूरसे परीयों की जादुई मंजिल ठंडे गहिरे पत्तो में से लहराती सुंदरता दिख जाए आरसपानी निलयता में इंद्रधनू के द्वार खुल जाए चमचमाती चांदनियों की झिलमिलाहट निखऱाए वही से गुजरती गलियाँ परी देश में मिल जाए मधुर संगीत तलम सूरों पर सपना हलकासा आए स्वप्नपरी के चैतन्यभरे अणु रेणु के धागे बिखराए   खिले हुए उसी