फिल्मी दुनिया की बेरुखी और हद दर्जे की खुदगर्जी को भी काफी गहराई से महसूस किया है मैने।चढ़ते सूरज को नमस्कार करना ही शहर की फितरत में हैं।गिरते हुए को धक्का मार कर जमीन पर लेटा देने में यहां सबको खुशी मिलती है ।फिल्मी दुनिया के कुछ दिग्गजों ने क्या खूब नाम दिया हैं बंबई शहर को । कोई कहता इसे ये माया नगरी है तो कोई कहता इसे की ये स्वपन की नगरी है ।सच भी थी है कि इस महानगर की पहचान व्यापारिक शहर की अपेक्षा फिल्मी नगरी के रूप में कही अधिक ज्यादा जाना जाता हैं ।