तकदीर का खेल

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आपने सभी ने ये कहावत तो सुनी होगी कि तकदीर का लिखा कोई नहीं बदल सकता. इसका खेल सिर्फ तकदीर लिखने वाले को ही पता होता है और तकदीर हमेशा अच्छे कर्मों से बनती है. ऐसी ही डॉ भाइयों की कहानी यहाँ बतायी जा रही है जिसमे दोनों की तकदीर ने ऐसा खेल खेला की दोनों की दुनिया ही उलट गई.बात बहुत पुरानी है. गुजरात के सूरत शहर में मनसुख लाल नाम के एक व्यापारी थे. इनका कीमती रत्न का कारोबार था. इनका कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला हुआ था. पूरे सूरत शहर में इनका मान और सम्मान