वो माया है.... - 21

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(21)बद्रीनाथ बैठक में बैठे थे। वह एक कॉपी में लिखा हिसाब देख रहे थे। हिसाब पुष्कर की शादी पर हुए खर्च का था। उन्होंने सोचा था कि वैसे तो पुष्कर घर में कोई मदद नहीं करता है। अपनी कमाई का एक पैसा भी उसने कभी हाथ में नहीं रखा। इसलिए उससे कहेंगे कि कम से कम शादी पर जो भी खर्च हुआ है उसकी भरपाई करे। लेकिन विदाई के अगले दिन से ही हंगामा हो गया। कल शाम तो और भी अधिक कहा सुनी हुई। पुष्कर ने उमा के लिए जो कहा वह अपरोक्ष रूप से उन पर निशाना था।