अरे छोड़ो तुम दोनों उनको जब इनकी आंखों में धूल झोक कर कुछ कर जाएंगे तब समझ आयेगा l तब मुहँ फ़िराते फ़िरेगे.....!जो बड़े अकड़ में रहते है l कहकर वो तीसरी औरत बेशर्मी से हंस पड़ी साथ में वो दोनों औरते भी l उन औरतो कि बाते सुनकर धानी के फ़ादर साहब कि आंखें गुस्से से एक दम लाल पड़ जाती l माथे कि नसे तन सी जाती है l खुद के गुस्से को जब्त कर साँस छोडकर..... सीधा उन औरते के पास आकर सहज भाव से क्यों बहन जी... क्या बात कर रही है आप लोग आप तो