जंगल के ख़िलाफ़-हीरालाल नागर

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अनछुए क्षेत्र में पहुँची कविताएँ “जंगल के खिलाफ“युवा कवि हीरालाल नागर के नव्यतम कविता संग्रह “जंगल के खिलाफ“ की कविताऐं हमारे आसपास के उपेक्षित संसार पाठकों के समक्ष पूरी शिद्दत, ईमानदारी और साफ नजर के साथ प्रस्तुत करती है। लगभग 65-66 कविताओं का संकलन “जंगल के आसपास“ से गुजरते हुए तथा “बीच यात्रा में“ नामक तीन शीर्षकों में विभक्त है। आज समस्त आलोचक, विचारक और रचनाकर्मी यह बात पूरी गंभीरता से महसूस कर रहे हैं कि वर्तमान में बड़ी आपाधापी है और यह समय मनुष्य की लगातार छीजती संवेदना, घटते लगाव और निष्ठां की कमी के कारण रचनाविहीन समय या