(13)मनोहर नीलम को लेने आए थे। नीलम ने कल सुंदरकाण्ड का पाठ हेने से पहले फिर उन्हें फोन करके ले जाने के लिए कहा था। इसलिए मनोहर छुट्टी लेकर आ थे। दोपहर के खाने के बाद नीलम अपना सामान समेट रही थी। मनोहर ने कहा,"इतनी जल्दी लौटना था तो उस दिन हमारे साथ ही चली होती। कल एकदम पीछे पड़ गई कि आकर ले जाओ।"नीलम ने कहा,"हमें क्या पता था कि यहाँ विदा होकर आई बहू अगले दिन ही बवाल कर देगी।"यह बात सुनकर मनोहर ने अश्चर्य से कहा,"क्यों क्या हो गया ?"नीलम दरवाज़े तक गई। बाहर झांक कर देखा