धीरू भाई अम्बानी

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                                               धीरू भाई अम्बानी को समर्पित धरती पे  धन के धुरंधर थे  धीरुभाई  धन धाम धरम  धरा पे  छोड़ के  गए!  धीरे-धीरे धीरज से धन जो कमाया था वो  धंधे में ही धारकों के ध्येय  जोड़ के गए!  धवल धनाढ्य धर्म धीरता को धारे रहे  धोखेबाज धूर्तों से मुख मोड़ के  गए ! नीति पे  चले मुकेश ईशा भी छुए आकाश  आशाएं अनिल में अनंत ओढ़ के गए!!     तेरह  दिसंबर को दिन में, छिन में, छल से छै   आतंकवादी! धंसे  संसद की हद में , मद में , सद्भाव के भाल पै गोली चला दी!!  भारत के कछु