हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 45

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सरलता की मूर्तिबात सन् ५४ की है। स्वामी करपात्री जी महाराज के सान्निध्य में गोहत्या निरोध आन्दोलन कलकत्तामें चल रहा था। समाचार मिला कि किसी कार्यवश पूज्य भाईजी हनुमानप्रसाद जी पोद्दार कलकत्ता आ रहे हैं। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके आगमन का लाभ उठाना चाहा और उक्त अवसरपर एक प्राइवेट मीटिंग का आयोजन किया।दिनके ३ बजे मीटिंग प्रारम्भ होने वाली थी। पूज्य भाईजी के अलावा विशिष्ट कार्यकर्तागण आमन्त्रित थे। प्रायः सभी आ गये थे। पर भाईजी का कोई पता नहीं था। तीन बज चुके थे। सभी लोग भाईजी के इन्तजारमें थे। अन्तमें करीब ३ बजे एक सज्जन बोल उठे -- “भाईजी