(3)पुष्कर जब कमरे में गया तो दिशा उसकी राह देख रही थी। पुष्कर उसके पास जाकर बैठ गया। वह जानता था कि इस नए माहौल में उसके बिना दिशा बहुत अकेलापन महसूस कर रही होगी। वह उसे भरोसा दिलाना चाहता था कि भले ही वह पूरा दिन उससे दूर रहा पर उसके बारे में सोच रहा था। बिना कुछ बोले वह दिशा का सर अपनी गोद में लेकर सहलाने लगा। उसका ऐसा करना दिशा को अच्छा लगा। वह चुपचाप उसकी गोद में सर रखे लेटी रही। दोनों चुपचाप थे पर एक दूसरे के भाव को समझ रहे थे। दिशा का