वो माया है.... - 2

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(2)दोपहर को खाने के बाद आंगन में नई बहू की मुंह दिखाई की रस्म हुई। मोहल्ले पड़ोस और रिश्तेदारी वाली औरतें दिशा का चेहरा देखकर उसे कुछ ना कुछ भेंट दे रही थीं। वह सभी भेंट दिशा के हाथ से सीधा किशोरी के हाथ में जा रही थीं। वह मिली हुई हर भेंट का हिसाब एक डायरी में लिख रही थीं। दिशा की मम्मी ने उसे ऐसी रस्म के बारे में बताया था। फिर भी उसे कुछ अजीब लग रहा था। वह चाह रही थी कि जल्द से जल्द यह सब खत्म हो तो वह आराम कर सके। जब सारी