अनुच्छेद- 24 माई को क्या बताऊँगी? अंगद, राम सुख और नरसिंह पैरवी करते रहे । नन्दू और हरबंश को ज़मानत मिली। पैसा जरूर ज्यादा खर्च हुआ। जेल से जब दोनों युवक निकले तीनों से लिपट गए। राम सुख चबेना और लड्डू लिए थे। एक पेड़ के नीचे आकर पांचो ने चबेना- लडडू खा कर पानी पिया। 'गाँव का हाल चाल ठीक है काका?" नन्दू ने अंगद से पूछ लिया। “ठीक है। पहले तुम गांव चलो। सभी तुम दोनों को देखने के लिए बेचैन हैं।' अंगद ने साइकिल पर बैठते ही कहा । नन्दू उन्हीं की साइकिल पर पीछे बैठ गया