महात्मा गाँधी के साथ प्यार का सम्बन्ध[श्रीभाईजीके शब्दोंमें]“बापू के साथ मेरा बहुत अधिक सम्पर्क रहा है और मैंने उनको बहुत निकट से देखने के सुअवसर प्राप्त किये हैं। उनसे परिचय तो मेरा बहुत पुराना (सन् 1915 से) था और निकटका था; पर जब मैं बम्बईमें रहता था, तब महात्माजी साबरमती आश्रम, अहमदाबादमे निवास करते थे। उस समय मैं बीच-बीचमें कई बार आश्रममें भी जाया करता था। वे जब बम्बई पधारते, तब स्वर्गीय भाई जमनालाल जी बजाज के साथ व्यावसायिक कार्य करने के कारण उनकी ओर से महात्माजी के सारे आतिथ्य का काम मेरे ही जिम्मे रहता था। महात्माजी बम्बईमें मेरे