भारतीय रंगमंच का इतिहास - 3

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रंगमंच का इतिहास पाश्चात्य रंगमंच 3   पाश्चात्य रंगमंच का प्रादुर्भाव सर्वप्रथम यूनान देश में हुआ , जिसे इतिहासकारों ने थिएटर ऑफ डायोनिसियस की संज्ञा दी है।   सत्या भास-   ड्रामा जीवन का दर्पण है यह सत्य हमारे सामने एक स्वाभाविक प्रश्न खड़ा करता है क्या ड्रामा का रंग अनुष्ठान दशक के लिए ऐसा शक्तिशाली सत्य आभास पैदा करता है कि वह यह विश्वास करने लगे कि जो कुछ वह मंच पर प्रस्तुत होते देख रहा है वह साक्षात जीवन है ।यह प्रश्न ड्रामा लेखकों  से अधिक दर्शक के व्यक्तित्व से संबंध रखता है ।विशेषकर दर्शक के मन से उसकी ग्रहण