अकेली - भाग 7

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गंगा के माता पिता को गुजरे दो माह बीत चुके थे लेकिन अभी तक भी उसकी मासी जो कह कर तो गई थी कि वह चक्कर लगाती रहेगी परंतु अब तक उन्होंने पलट कर गंगा की सुध नहीं ली। चाचा, मामा, ताऊ कोई काम ना आया। गंगा ने भी यह मान लिया था कि अब तो उसे अकेले ही सब कुछ करना है। अकेले ही जीना है और अकेले ही मरना है। धीरे-धीरे छः महीने गुजर गए लेकिन शांता ताई और मनु काका कहीं भी नहीं गए। शांता ताई काम पर जाती तब भी मनु काका तो घर पर डटे