हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 26

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भगवन्नाम-प्रचार की द्वितीय योजनाकलियुगमें भगवन्नाम ही सर्वोपरि साधन है और भगवान्ने प्रत्यक्ष प्रकट होकर इसी के प्रचारका आदेश भाईजी को दिया था। भाईजी इसे आज के युगमें सर्व-सुलभ एवं सर्वोत्कृष्ट साधन मानते थे। अपने एक प्रेमी के विदा होते समय भगवन्नाम-महिमा के सम्बन्धमें भाईजी ने कहा था कि मेरी तो First, last and latest Discovery (प्रथम, अन्तिम और नवीनतम आविष्कार) यही है कि अपना कल्याण चाहने वाला व्यक्ति नामका आश्रय पकड़ ले। और साधन हो सके तो अवश्य करे, किसी का विरोध नहीं है, परंतु और कुछ भी न हो सके तो केवल जीभ से निरन्तर नाम-जप करता रहे।पहली योजनामें