पं० जवाहरलाल नेहरू का गोरखपुर आगमन बात सन् 1936 की है जब गीता वाटिका, गोरखपुर में एक वर्ष के अखण्ड संकीर्तन का भाईजी ने आयोजन किया था। इस आयोजन में देश के बड़े-बड़े संतों एवं विशिष्ट व्यक्तियों ने भाग लिया था। उन दिनों पं० श्रीजवाहरलाल नेहरू का तेज-प्रताप बढ़ रहा था। राष्ट्र की स्वतन्त्रता के लिये उनके त्याग, बलिदान, कष्ट सहन की प्रशंसा हो रही थी। साईमन कमीशन के विरोध के प्रसंगमें, उनको और पण्डित श्रीगोविन्दबल्लभ पन्त को ब्रिटिश सरकार की ओर से जो पीड़ा पहुँचायी गयी थी, मार-पीट की गयी, वह लोगों के हृदयपर घाव कर गयी थी। लोगों