रमा

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आज बाबुल के अंगना से रमा की बेटी पूनम की विदाई हो रही थी। कन्यादान बेटी के चाचा और चाची ने किया जबकि उसी मंडप के सामने माता और पिता दोनों मौजूद थे। दरअसल ऐसा मां की ममता को नकारने के लिए किया जा रहा था। कई बार मां यानी हमारी कथा की नायिका रमा ने आगे आने का असफल प्रयत्न किया मगर हर बार उसे दुत्कार कर वहां से जाने को कहा गया। विवश रमा दूर से ही तमाशबीन बनकर सब तमाशा देखती रही। जब बेटी विदा हो गई तो वह भी अपनी कोठरी में आकर रोती रही। कई