भ्रष्टाचार - भाग 1

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भाग 1- बेईमानी में भी ईमानदारी आज सुबह से ही सुनीता बहुत ही खुश थी क्योंकि आज उसकी नौकरी का पहला दिन था और वह खुशी के मारे अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी कई सालों से देखा हुआ उसका सपना आज सच होने जा रहा था वह और उसके पापा उसकी नई नौकरी के लिए सभी तैयारी कर चुके थे उसके पापा ने तो रेलवे या बस की जगह किराए की कार भी बुक करवा दी थी और वह सुबह से सुनीता से कई दफा बता चुके थे कि तू अपने सारे डाक्यूमेंट्स ले लेना चाहे तू