मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 37

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भाग 37केस अपनी जगह चल रहा था और जिन्दगी अपनी जगह। शहर क्या पूरा मुल्क ही फैसले के इन्तजार में था। यही कि फिज़ा क्या कर रही है? उसका अगला कदम क्या होगा? तीन तलाक को लेकर कोर्ट क्या फैसला सुनाता है? बगैहरा-बगैहरा। राजनैतिक पार्टियां अपनी रोटियाँ सेकने में लगी थीं और फिज़ा की खीचा तानी हो रही थी। सभी उसे अपनी पार्टी का मील का पत्थर मान रहे थे। एक ही नही बल्कि कई पार्टियां उसे अपने यहाँ आने का न्योता दे चुकी थीं। लेकिन अक्सर ऐसी आपा-धापी इन्सान को गुमराह कर देती है। समझ में नही आता क्या