मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 36

  • 2.9k
  • 1.4k

भाग 36फिज़ा के मामू जान दो-चार दिन रूक कर वापस लौट गये थे। जाते वक्त उन्होनें अपनी जेब से एक सौ का नोट निकाल कर फिज़ा को दिया था। जिसे उन्होनें चुपचाप अकेले में दिया था। वह जानते थे उनकी आपा के घर की औकात सौ रूपये की नही है उससे कहीँ बहुत ज्यादा है। इससे ज्यादा तो वह लोग घर के नौकरों को दे देतें हैं। मगर क्या करते उनकी जेब की हैसियत इससे ज्यादा नही थी।अपने जानिब से उन्होने खान साहब को काफी समझाया भी था। नतीजा सिफर निकला। जाते-जाते वह इतना जरुर कह गये थे- "आपा, कभी