दुष्चक्र - 2

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रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,जुआ आदि की लत ऐसे पैसे से ही पड़ जाती है।वह सर्विस में आया तब बेहद ईमानदार और सच्चरित्र था।रिश्वत से उसे सख्त चिढ़ थी।लोगो को रिश्वत लेते और बेईमानी के पैसे से गुलछर्रे उड़ाते हुए देखकर बेहद दुख होता था।साथियों को वह समझाता।उन्हें उपदेश देता।भरस्टाचार से होने वाले नुकसान के बारे में वह अपने साथियों को बताता।उसने अपने सहकर्मियों को सुधारने का भरसक प्रयास किया था।पर वह उन्हें नही सुधार पाया था।उल्टे समय बीतने के संग वह उनके रंग में ही