बड़े लोग छोटी सोच

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मैं जब भी ओला या उबर टेक्सी  से ट्रेवल करता हूँ तो अक्सर समय बिताने के लिए उनसे बातचीत का सिलसला शुरू कर लेता हूँ. एक तो इससे कब डेस्टिनेशन पर पहुंचते हैं, पता ही नहीं चलता दुसरे इन लोगों के पास एक दम ताजा किस्से- कहानिया का जखीरा होता हैं. अभी कल ही मेरे कैब ड्राईवर ने  मुझे ये क़िस्सा सुनाया था: “सर, कल रात मैंने दो यंग लड़कियों को पार्लियामेन्ट स्ट्रीट से अपनी गाडी में बैठाया था, दोनों लडकियां नशे में चूर नजर आ रही थी” उसने किस्सा सुनाना शुरू किया. “हूँ” मैंने सिर हिलाया. “सर,मेने डेस्टिनेशन कन्फर्म