हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (श्रीभाई जी) - 20

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जीवनोपरान्त भगवद्दर्शनों की बातें प्रकट करने से लाभजसीडीह में भगवान् के साक्षात् दर्शनों की बातें बहुत ही थोड़े समय में दूर-दूर के स्थानों में पहुँच गई थी– विशेषतया जहाँ श्रीसेठ जी एवं भाई जी के परिचित लोग रहते थे। बम्बई में भी भाईजी के बहुत से व्यापारी मित्रों को भी समाचार मिलने में देरी नहीं लगी। घटना कुछ ऐसी हुई थी जिस पर हर एक को विश्वास होने में भी कठिनता होती थी। कुछ मित्रों से भाईजी की बहुत घनिष्ठता थी। ऐसे मित्रों के भाईजी के पास पत्र आने लगे। कुछ मित्र भाईजी से पूरा विवरण चाहते, कुछ भाईजी की